एस्टिग्मेटिज्म जिसे हिंदी में दृष्टिवैषम्य के नाम से जाना जाता है, आँखों की एक अपवर्तक त्रुटि (refractive error) है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमे आँखों की कॉर्निया या लेंस का आकार समान्य रुप से गोल ना होकर अनियमित आकार का होता है। आकार में अनियमितता होने के कारण आँखों पर पहुँचने वाली रोशनी रेटिना तक अच्छी तरह केंद्रित नही हो पाती। जिसके वजह से आँखों में धुंधलापन या विकृत दृष्टि की स्थिति नज़र आती है। आमतौर पर दृष्टिवैषम्य की स्थिति मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) या हाईपरमेट्रोपिया (दूर दृष्टि दोष) के साथ मिल कर बनती है। भारत में हर साल एस्टिग्मेटिज्म के 1 करोड़ से भी अधिक मामले देखने को मिलते हैं। दृष्टि वैषम्य की स्थिति आमतौर पर अनुवंशिकी होती है, पर यह कुछ और कारणों जैसे- आँखों में चोट लगना या आँखों की सर्जरी होने पर भी हो सकती है।
एस्टिग्मेटिज्म के प्रकार
एस्टिग्मेटिज्म आँखों में मौजूद कॉर्निया या लेंस के असमान्य आकार के वजह से होता है।
- कॉर्नियल दृष्टिवैषम्य – जब आँखों के कॉर्निया का आकार सामान्य की तरह गोल ना होकर अनियमित हो तो कॉर्नियल दृष्टिवैषम्य की समस्या उत्पन्न होती है।
- लेंटिकूलर दृष्टिवैषम्य– जब आँखों के लेंस का आकार सामान्य से अनियमित हो तो लेंटिकूलर दृष्टिवैषम्य की स्थिति बनती है।
एस्टिग्मेटिज्म का कारण
एस्टिग्मेटिज्म का मूल कारण अभी तक ज्ञात नहीं हो सका है। लेकिन यह ज़्यादतर अनुवांशिक ही होता है। मतलब यह पीड़ित व्यक्ति में जन्मजात होता है। लेकिन कुछ मामलों में यह भी देखा गया है कि यह स्थिति आँखों को क्षति पहुँचने के कारण भी हो सकती है। जैसे की आँखों में चोट लगना या आँखों की कोई सर्जरी।
एस्टिग्मेटिज्म के लक्षण
एस्टिग्मेटिज्म का आँखों में कम असर होने पर कोई लक्षण नहीं दिखाई देते, लेकिन कुछ परेशानियाँ नज़र आने पर आप तुरंत ही अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें। यह परेशानियाँ हो सकती हैं:
- धुंधली या विकृत दृष्टि
- आँखों में जलन
- आँखों में तनाव
- सिरदर्द
- रात में देख पाने में कठिनाई होना।
एस्टिग्मेटिज्म का निदान
यदि आपको देखने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है तो तुरंत ही आप ऑप्टोमेट्रिस्ट से परामर्श लें। परेशानी का निदान करने के लिए वे कुछ टेस्ट करेंगे।
1. विज़ुअल एक्युटी टेस्ट
इस टेस्ट में डॉक्टर आपके सामने एक चार्ट रखेंगे जिसमे कुछ अक्षर लिखे होंगे। डॉक्टर आपको वो अक्षर पढ़ने को कहेंगे। आपको एक आँख बंद कर के अक्षरों को पढ़ना होगा और फिर दूसरी आँख से भी दोहराना होगा।
2. अपवर्तन टेस्ट
इस टेस्ट में ऑप्टिकल रिफ्रैक्टर नाम के एक उपकरण का इस्तेमाल होता है। आपको कुछ अक्षर दिखाये जाएंगे जिसमें अक्षरों को बड़े से छोटे क्रम में दिखाया जाता है। इस दौरान डॉक्टर आपकी आँखों में अलग- अलग प्रकार के लेंस लगाकर देखेंगे कि आपकी आँखों की स्थिति कैसी है।
3. केराटोमेट्री
इस टेस्ट में डॉक्टर केरेटोमीटर नामक एक उपकरण का इस्तेमाल करके आपके कॉर्निया की स्थिति जाँचते हैं। वे देखते हैं की आपके कॉर्निया का आकार कितना ज्यादा घुमावदार है।
एस्टिग्मेटिज्म का इलाज
नेत्र चिकित्सा में दृष्टिवैषम्य के कुछ इलाज मौजूद हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख इलाज निम्न हैं:
सुधारात्मक लैंसेस –
एस्टिग्मेटिज्म के इलाज में सबसे पहले डॉक्टर आपको पॉवर के चश्मे या कांटेक्ट लेंस पहनने को कहेंगे। इसके अलावा भी कुछ इलाज मौजूद है, जैसे कि:-
1. ऑर्थोकेरेटोलॉजी
ऑर्थोकेरेटोलॉजी, जिसे ऑर्थो-के या ओवर नाइट विज़न करेक्शन के नाम से जाना जाता है। इसमें अस्थायी रूप से कांटेक्ट लेंस को रात भर पहन कर रखना होता है, फिर दिन में इसे उतार दिया जाता है। यह दृष्टि को स्थायी रूप से ठीक नहीं करता। यदि कांटैक्ट लैंस पहनना बंद कर दिया जाए तो दृष्टि वापस पहले जैसी हो जाती है।
2. सर्जरी
एस्टिग्मेटिज्म से छुटकारा पाने के लिए कुछ सर्जरी भी कारगर साबित होते हैं। जैसे कि:-
- लेज़र असिस्टेड इन सीटू किरेटोमिल्युसिस (LASIK)
- फोटोरिफ्रैक्टीव केराटेक्टॉमी (PRK)
- छोटा चीरा लेंटीक्यूल निष्कर्षण (SMILE)
डॉक्टर से सम्पर्क करें
यदि आपको आँखों में थोड़ी भी परेशानी नज़र आती है तो आप तुरंत ही नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह लें। आपको डॉक्टर बेहतर सलाह और उपचार का सुझाव देंगे। आँखों की सेहत का ध्यान रखने के लिए नियमित रूप से हर,6 महीने या साल भर में आँखों की जांच करानी चाहिए। उचित निदान एवं इलाज हेतु आप सेंटर फॉर साइट में अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।