नज़र सुधार के लिए सिल्क आई सर्जरी: एक नया कल

नज़र सुधार के लिए सिल्क आई सर्जरी: एक नया कल

ऑंखें शरीर के ख़ास अंगों में से एक हैं जिनका स्वस्थ होना बेहद ज़रूरी है। ऑंखें बेहद कोमल और नाज़ुक़ होती हैं। इनमें ज़रा सी भी धूल-मिट्टी चली जाए, या किसी कारण चुभन होने लगे तो एक मिनट के लिए भी आँखों को खोलकर रखना या आसपास की वस्तुओं को साफ़-साफ़ देखना मुश्किल हो जाता है। कुछ ही मिनटों में इंसान को बेचैनी और परेशानी होने लगती है। अब ज़रा सोचिये अगर किसी कारण नज़र ही कमज़ोर हो जाए और उसे पास या दूर की वस्तुएं धुंधली दिखाई देने लगें तो क्या होगा। बेशक़, उसके दैनिक जीवन में परेशानियां बढ़ जाएंगी।

आँखों के काम करने का अपना एक अलग ही तरीका है। इनके अंदर उपस्थित लेंस और कॉर्निया गोल होते हैं, लेकिन जब किसी कारण उनका आकार सामान्य से कम या अधिक हो जाता है तो इस स्थिति को मेडिकल भाषा में एस्टिग्मेटिज्म कहते हैं। यह समस्या होने पर आँखों में जाने वाले रौशनी, रेटिना पर पूरी तरह से केंद्रित नहीं होती है। नतीजतन, मरीज़ को पास या दूर की चीज़ें धुंधली दिखाई पड़ती हैं। अधिकतर मामलों में एस्टिग्मेटिज्म की समस्या मायोपिया या हाइपरोपिया के साथ होती है। मायोपिया में दूर की चीज़ें और हाइपरोपिया में पास की चीज़ें धुंधली दिखाई पड़ती हैं। आँखों की दृष्टि यानी नज़र से संबंधित इन तीनों समस्याओं को अपवर्तन दोष (रिफ्रैक्टिव एरर) कहते हैं।

नेत्र रोग विशेषज्ञ का कहना है कि एस्टिग्मेटिज्म अधिकतर बच्चों में देखा जाता है, लेकिन यह वयस्कों को भी प्रभावित कर सकता है। दृष्टि से संबंधित इस समस्या का इलाज कई तरह से किया जाता है जिनमें चश्मा और कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल एवं अन्य सर्जिकल प्रक्रियाएं शामिल हैं – सिल्क आई सर्जरी उन्ही प्रक्रियाओं में से एक है। इस ख़ास ब्लॉग में आज हम नज़र सुधार के लिए की जाने वाली सबसे सुरक्षित और सफल प्रक्रिया यानी सिल्क आई सर्जरी के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे।

सिल्क आई सर्जरी का मतलब: नज़र सुधार के लिए कैसे काम करता है

मेडिकल क्षेत्र में लगातार प्रगति हो रही है और उपचार की अनेक नवीन तकनीक सामने आ रही हैं। नज़र में सुधार करने यानी आँखों से संबंधित समस्याओं का उपचार करने के लिए भी ढेरों उन्नत और आधुनिक तकनीकें हाल ही में विकसित हुई हैं – उन्हीं में से एक है सिल्क आई सर्जरी। सिल्क आई सर्जरी को अंग्रेजी में स्मूथ इंसीजन लेंटिक्यूल केटमिल्युसिस (Smooth Incision Lenticule Keratomileusis) कहते हैं। इस तकनीक को जॉनसन और जॉनसन विज़न ने बनाया है।

सिल्क आई सर्जरी में 2nd जनरेशन फेम्टोसेकेंड लेज़र तकनीक का उपयोग किया जाता है जो दृष्टि से संबंधित समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है, जैसे कि निकट दृष्टि दोष और एस्टिग्मेटिज्म। यह सर्जिकल प्रक्रिया नेत्र रोग के क्षेत्र में एक क्रांति की तरह है जिसका लक्ष्य कॉर्निया का सटीक और शीघ्रता से दोबारा नया आकार देना है। इस सर्जरी के बाद आप अपने चश्मे या कॉन्टेक्ट लेंस से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं।

इस सर्जरी के दौरान, लेज़र फायर शॉट्स का इस्तेमाल करके लेंटिक्यूल बनाया जाता है। फिर 2-3 इंच का चीरा लगाकर उसे बाहर निकाल दिया जाता है। सिल्क आई सर्जरी में कॉर्निया को समतल बनाया जाता है, जिससे निकट दृष्टि दोष और एस्टिग्मेटिज्म को कम या समाप्त करने में मदद मिलती है।

6/6 दृष्टि ऑप्टोमेट्री में उपयोग की जाने वाली दृश्य की तीक्ष्णता या स्पष्टता (Clarity or Sharpness) यानी विज़ुअल एक्विटी का माप है। पहला अंक (6) उस दूरी को दर्शाता है जिस पर सामान्य दृष्टि वाला व्यक्ति एक निश्चित आकार के अक्षर या वस्तु को देख सकता है। दूसरी संख्या (6) उस दूरी को दर्शाती है जिस पर सामान्य दृष्टि वाला व्यक्ति उसी अक्षर या वस्तु को देखने में सक्षम होना चाहिए। यदि आपकी दृष्टि 6/6 है तो आप 6 मीटर की दूरी से वह देख सकते हैं जो सामान्य दृष्टि वाले व्यक्ति को उस दूरी पर देखने में सक्षम होना चाहिए। यह इस बात की ओर इशारा है कि सुधारात्मक लेंस की आवश्यकता के बिना ही आपकी दृष्टि स्पष्ट और तीव्र है।

सिल्क आई सर्जरी की प्रक्रिया क्या है?

हर तरह से पुष्टि करने के बाद, नेत्र रोग विशेषज्ञ मरीज़ को सर्जरी वाले दिन अस्पताल में आने को कहते हैं। उसके बाद, सर्जरी की प्रक्रिया को शुरू करते हैं जिनमें निम्न शामिल हैं:

  1. मरीज़ को आरामदायक कुर्सी पर बिठाया या बिस्तर पर लिटाया जाता है।
  2. आई ड्रॉप का उपयोग करके आंख को सुन्न किया जाता है।
  3. पलकों को खुला रखने के लिए आईलिड होल्डर का इस्तेमाल किया जाता है।
  4. आंख की स्थिरता बनाए रखने के लिए आंख पर एक सक्शन रिंग लगाई जाती है।
  5. कॉर्निया में लेंटिक्यूल बनाने के लिए लेज़र फायर शॉट्स का इस्तेमाल किया जाता है।
  6. उसके बाद, 2-3 इंच का चीरा लगाकर लेंटिक्यूल को बाहर निकाल दिया जाता है। लेंटिक्यूल को हटा देने से कॉर्निया का आकार बदल जाता है।

सर्जरी के बाद, आवश्यकता होने पर डॉक्टर मरीज़ को कुछ दवाएं, आई ड्रॉप और दैनिक जीवन के कुछ कामों को करते समय विशेष सावधानियां बरतने का सुझाव देते हैं। अधिकांश मरीज़ों को उनकी सर्जरी वाले दिन ही अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। हालांकि, प्रक्रिया के बाद कुछ घंटों तक मरीज़ की दृष्टि धुंधली हो सकती है, इसलिए घर जाने के लिए अपने परिवार वालों या दोस्त का सहारा लेना चाहिए। साथ ही, सर्जरी के बाद 1-2 दिनों तक ड्राइविंग नहीं करने का सुझाव दिया जाता है।

सिल्क आई सर्जरी के लाभ

सरल और सटीक प्रक्रिया होने के कारण, सिल्क आई सर्जरी में ज़्यादा समय नहीं लगता है। इस सर्जरी को पूरा होने में लगभग 10-15 मिनट का समय लगता है। सर्जरी के दौरान उन्नत लेज़र तकनीक का उपयोग करके कॉर्निया को एक नया आकार दिया जाता है। सिल्क आई सर्जरी एक आसान और सुरक्षित प्रक्रिया है जिसके दौरान या बाद में मरीज़ को किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना करने की संभावना न्यूनतम होती है। इस सर्जरी के निम्न फायदे हैं:

  • दर्द रहित
  • चीरा रहित 
  • टांका रहित
  • जल्द रिकवरी
  • सटीक और सरल
  • न्यूनतम सूखी आँख का ख़तरा
  • 6/6 दृष्टि
  • बेहतर और लंबे समय तक चलने वाला परिणाम

इतना ही नहीं, सिल्क आई सर्जरी को मायोपिया और एस्टिग्मेटिज्म जैसी अपवर्तक त्रुटियों के इलाज में बहुमुखी और प्रभावी माना जाता है।

सिल्क सर्जरी: चुनौतियाँ और संरक्षण

मायोपिया के लिए सिल्क आई सर्जरी को श्रेष्ठ उपचार माना जाता है। सुधार योग्य एस्टिग्मेटिज्म के लिए भी नेत्र सर्जन इस सर्जरी का सुझाव देते हैं। हालाँकि, कुछ बातों पर विचार करना महत्वपूर्ण है, जैसे कि गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इस उपचार के संभावित दुष्प्रभावों पर विचार करना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो डिलीवरी के बाद ही सर्जरी करानी चाहिए।

इसी तरह, इम्यूनो सप्रेसेंट या स्टेरॉयड दवाओं का उपयोग करने वालों को भी सिल्क आई सर्जरी कराने से पहले अपने डॉक्टर के साथ इस बारे में विस्तार से चर्चा करनी चाहिए, क्योंकि उन पर भी इस सर्जरी के साइड इफेक्ट्स का खतरा होता है। सिल्क आई सर्जरी की सीमाओं के बारे में जागरूक होना आवश्यक है। इस प्रक्रिया के बारे में उचित निर्णय लेने के लिए और इसके संभावित जोखिमों और चुनौतियों को समझने के लिए अपने डॉक्टर से इस बारे में विस्तार से चर्चा करें।

सिल्क आई सर्जरी के लिए योग्य उम्मीदवार

जहाँ एक तरफ, सिल्क आई सर्जरी के अनेक फायदे हैं, वही दूसरी तरफ, उसकी कुछ सीमाएं भी हैं। यह सर्जरी हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं है। आइये जानते हैं कि यह सर्जरी किसके लिए उचित है:

 

  1. क्षमता: सिल्क आई सर्जरी से -12D तक मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) और 6D तक एस्टिग्मेटिज्म को ठीक किया जा सकता है।
  2. अपवर्तक त्रुटियां: सिल्क आई सर्जरी प्रभावी ढंग से मायोपिया और एस्टिग्मेटिज्म जैसी अपवर्तक त्रुटियों का उपचार करके स्पष्ट दृष्टि प्रदान करती है।
  3. आयु सीमा: उम्मीदवारों की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए, यह सुनिश्चित करते हुए कि उनकी दृष्टि स्थिर स्थिति में है, जो प्रक्रिया की सफलता के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है।
  4. आँखों का स्वास्थ्य: सिल्क आई सर्जरी के लिए एक मजबूत आधार स्थापित करने के लिए उम्मीदवारों को बिना किसी अंतर्निहित बीमारी के या उनकी आंखें स्वस्थ होनी चाहिए।
  5. गर्भावस्था पर विचार: गर्भवती या स्तनपान करा रही महिला को इस सर्जरी के लिए उपयुक्त उम्मीदवार नहीं माना जाता है, क्योंकिं उनमें इस सर्जरी के दुष्प्रभाव का ख़तरा अधिक होता है।
  6. सर्जिकल इतिहास: उम्मीदवारों का पहले से इंट्राऑकुलर या कॉर्नियल सर्जरी नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह सिल्क आई सर्जरी के साथ अनुकूल परिणाम के लिए आधार तैयार करता है।

 

साथ ही, यह निर्धारित करने के लिए कि क्या आप ऊपर दिए गए सभी मापदंडों को पूरा करते हैं और सिल्क आई सर्जरी के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार हैं तो एक योग्य नेत्र रोग विशेषज्ञ के साथ गहन परामर्श करें और सही सुझाव पाएं।

आपकी नज़र सुधारने के लिए सिल्क आई सर्जरी: नया दृष्टिकोण

अगर आपको निकट दृष्टि दोष या एस्टिग्मेटिज्म की समस्या है और आप चश्मा या लेंस के इस्तेमाल से अब परेशान हो चुके हैं तथा इन सबसे हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं तो सिल्क आई सर्जरी आपके लिए सर्वोत्तम उपचार है। अगर आप बिना किसी परेशानी का सामना किए अपनी नज़र में सुधार करना चाहते हैं तो आज ही हमारे डॉक्टर से मिलें और अपनी समस्या से छुटकारा पाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

सिल्क आई सर्जरी की कीमत क्या है?

प्लैनेट लेसिक में सिल्क आई सर्जरी 1,20,000 रुपए में होती है, लेकिन मरीज़ की जटिलता, राज्य, डॉक्टर का अनुभव और विशेषज्ञता एवं अन्य कारकों के आधार पर इसकी कीमत में थोड़ा बहुत बदलाव आ सकता है।

सिल्क आई सर्जरी से क्या जोखिम हैं?

इस सर्जरी में चीरा नहीं लगता है, ब्लीडिंग नहीं होती है और टांके नहीं आते हैं, इसलिए जोखिम का खतरा लगभग ना के समान होता है। हालांकि, कुछ मामलों में मरीज़ को इंफेक्शन हो सकता है। इस बारे में आपको अपने डॉक्टर के साथ विस्तार से बात करें।

सिल्क आई सर्जरी की क्या प्रक्रिया है?

सर्जरी के सबसे शुरुआती चरण में डॉक्टर मरीज़ की आँखों को सुन्न करने के लिए उनकी आँखों में एनेस्थेटिक आई ड्रॉप डालते हैं। फिर लेज़र की मदद से कॉर्निया को एक नया आकार देते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 10-15 मिनट का समय लगता है। अधिकतर मामलों में सर्जरी के बाद, 1-2 दिन के भीतर मरीज़ अपने दैनिक जीवन के कामों को शुरू कर सकते हैं। हालाँकि, रिकवरी का समय हर मरीज़ के लिए थोड़ा बहुत अलग भी हो सकता है।

सिल्क आई सर्जरी में कितना समय लगता है?

सिल्क आई सर्जरी में लगभग 10-15 मिनट का समय लगता है। सर्जरी ख़त्म होने के कुछ ही घंटों के भीतर मरीज़ अपनी नज़र में सुधार अनुभव करते हैं।

सिल्क आई सर्जरी के बाद आँख में दर्द होता है?

इस सर्जरी को एनेस्थीसिया के प्रभाव में किया जाता है। इसलिए सर्जरी के दौरान या बाद में मरीज़ को ज़रा भी आँख में दर्द नहीं होता है। यह एक दर्द रहित सर्जिकल प्रक्रिया है।

क्या इस सर्जरी के बाद चश्मा और कॉन्टैक्ट लेंस की आवश्यकता होती है?

आमतौर पर सिल्क आई सर्जरी के बाद मरीज़ को चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस की आवश्यकता नहीं पड़ती है, लेकिन डॉक्टर कुछ समय के लिए मरीज़ को चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस का सुझाव दे सकते हैं।

सिल्क आई सर्जरी के पूर्व और पश्चात देखभाल में क्या सावधानियां होती हैं?

सर्जरी से पहले डॉक्टर मरीज़ को कुछ सावधानियां बरतने का सुझाव देते हैं जिसमें कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल बंद करना और दवाओं का समायोजन शामिल है। साथ ही, मरीज़ की निजी ज़रूरतों के आधार पर अन्य दिशा निर्देश भी दिए जा सकते हैं। सर्जरी के बाद, कुछ दिनों तक मरीज़ को गाड़ी चलाने, सूरज के सम्पर्क में आने और मोबाईल, टीवी या लैपटॉप स्क्रीन के सामने ज़्यादा समय बिताने से बचने का सुझाव दिया जाता है।

क्या सिल्क प्रक्रिया दृष्टिवैषम्य को सुधारने में मदद करती है?

हाँ, इस सर्जरी को दृष्टिवैषम्य का श्रेष्ठ उपचार माना जाता है। सिल्क आई सर्जरी से  5D तक एस्टिग्मेटिज्म को ठीक किया जा सकता है। अगर आपको एस्टिग्मेटिज्म है तो हमारे नेत्र रोग विशेषज्ञ से आज ही परामर्श करें।